माँ-बाप
Who is maa?
We all are know that maa koun hai. Aur shayad hum jante hian "Janani Janmbhumishcha Swargadapi Gariyasi". Maens maa aur Janbhumi swarg se bhi badhaker hoti hai.
But in present time kya bacchon ki life me maa ka utna importance rah gaya hai?. yadi hum SHRAVAN KUMAR ki bat karen to hame pata hai ki unhone maa aur pita ki bhakti kerke animal se bhi "Matradewo Bhav Pitradiwo Bhav" Bulwa diya tha. So I want to say to all persions who have mother & Father and who lived in pasion time please give some time to your parents every day.
शायद हम सबको यह याद नहीं रहता की हमारे लिए हमारे माँ- बाप कितनी मुसीबतें सहते हैं. पर क्या हम उनके लिए एक छोटी सी भी परेशानी से गुजरने की सोचते हैं? नहीं. में भी आधुनिक युग का ही हूँ और एक छात्र हूँ और जनता हूँ की जब बच्चे माँ- बाप से दूर रहकर पढाई करते हैं तो धीरे- धीरे उनकी आदत बन जाती है उनसे दूर रहने की और फ्री वातावरण में रहने की. और जब वो घर वापस आते हैं तो बंधन राश नहीं आता. क्या कभी हम सोचते हैं की इतने साल उन लोगों ने हमारे बिना कैसे बिताये होंगे. और अगर हमारी किसी अच्छी लड़की से शादी हो जाती है तो बात ही कुछ और हो जाती है. फिर तो माँ- बाप का रोल ही हमारी लाइफ से एंड हो जाता है.
मैंने नए पीढ़ी के लोगों पर लांचन लगाने के लिए यह ब्लॉग नहीं लिख रहा हूँ में तो बस इतनी रेकुएस्ट कर रहा हूँ की कृपया अपने माँ- बाप को भरपूर सम्मान दे क्योंकि उन्ही के आशिर्बाद और मेहनत से आप इस मुकाम पर पहुंचे हैं. अंत में आपने यदि दिल से इस ब्लॉग को पढ़ा है तो मेरे साथ आप भी बोलो "मात्र देवो भव, पित्र देवो भव".